मंत्री ने सिंगल टेंडर पर बीमा को दी मंजूरी, एडिशनल चीफ सेक्रेटरी सहमत नहीं

May 18, 2020, 5:34 AM
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सहकारिता विभाग ने Covid_19 संकट में फ्रंटलाइन पर डटे अपने विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों का 25 लाख रुपये का बीमा करवाने के लिए सिंगल टेंडर पर काम देने को लेकर विभाग के मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (डी) विश्वजीत खन्ना के बीच मतभेद उभर आए हैं। खन्ना के पास सहकारिता विभाग का अतिरिक्त प्रभार है।
विश्वजीत खन्ना के विरोध के बावजूद मंत्री रंधावा ने बीमा करवाने का काम सिंगल टेंडर पर देने को मंजूरी दे दी है। मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और विभाग के रजिस्ट्रार विकास गर्ग सिंगल टेंडर पर काम देने को गलत नहीं मान रहे हैं। गौरतलब है कि विभाग के सभी रेगुलर, ठेके व आउटसोर्सिंग पर काम कर रहे मुलाजिमों का 25 लाख रुपये का बीमा किया जाना है। जो इस समय पर कोविड -19 संकट के मद्देनजर लगाए लॉकडाउन के दौरान लोगों को जरूरी सेवाएं मुहैया करवा रहे हैं, लेकिन बीमा करवाने की प्रक्रिया को लेकर विभाग के मंत्री और एडिशनल चीफ सेक्रेटरी में सहमति नहीं दिखी।
सूत्रों के अनुसार खन्ना ने आपत्ति जताई कि बीमा करवाने के लिए सिंगल टेंडर पर काम क्यों दिया जा रहा है, यह सही नहीं है। उन्होंने मंत्री को भेजी अपनी फाइल में इस पर अपनी आपत्ति का नोट भी लगाया है। रंधावा ने इसे दरकिनार करके सिंगल टेंडर पर आई कंपनी को ही 15 हजार के लगभग कर्मचारियों का बीमा करने के आदेश दे दिए।
ज्यादा कंपनियां नहीं आई तो हमारा क्या कुसूर: रंधावा
रंधावा का कहना है कि कोविड-19 के चलते पूरी दुनिया में संकट बना हुआ है। कर्मचारी फ्रंट लाइन पर काम कर रहे हैं। हमने बीमा करवाने को लेकर टेंडर निकाला था, लेकिन अगर एक से ज्यादा कंपनियां नहीं आई तो इसमें हमारा क्या कुसूर है? क्या हमारा अपने कर्मचारियों के लिए कोई दायित्व नहीं है? कर्फ्यू लगने के बावजूद मिल्कफेड के कर्मचारियों ने किसानों की एक बूंद दूध बर्बाद होने नहीं दी। मार्कफेड ने मंडियों में उनके गेहूं के एक एक दाने को खरीदा। साथ ही हर हलके में आठ-आठ हजार किटें हर गांव में दीं।
संकटकाल में सिंगल टेंडर गलत नहीं
मंत्री के अलावा रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव सोसायटी विकास गर्ग ने कहा कि केंद्रीय सतर्कता आयोग के निर्देश हैं कि अगर संकट का समय है और किसी भी काम को करवाने के लिए पर्याप्त कंपनियां नहीं आ रही हैं तो सिंगल टेंडर पर काम दिया जा सकता है।
प्रति मुलाजिम 1977 रुपये खर्च
पांच सहकारी संस्थानों शुगरफेड, मिल्कफेड, मार्कफैड, पंजाब रा’य सहकारी बैंक और पंजाब राज्य सहकारी कृषि विकास बैंक के 14905 अधिकारियों व कर्मचारियों का 25 लाख रुपये प्रति मुलाजिम बीमा कवर एक साल के लिए किया जा रहा है। प्रति मुलाजिम 1977 रुपये समेत जीएसटी प्रीमियम खर्च आ रहा है। सभी 14905 मुलाजिमों के बीमे के लिए प्रीमियम का कुल खर्च 2.95 करोड़ रुपये आएगा।
प्रीमियम की राशि संबंधित सहकारी अदारे की तरफ से अपने-अपने मुलाजिमों की संख्या के हिसाब से अदा की जाएगी। 14905 कर्मचारियों में से 8812 रेगुलर, 6093 ठेके व आउटसोर्सिंग पर अपने सेवाएं दे रहे है। शुगरफैड के 2090, मिल्कफेड के 6298, मार्कफेड के 1421, पंजाब राज्य सहकारी बैंक के 4217 और पंजाब राज्य सहकारी कृषि विकास बैंक के 879 मुलाजिमों का बीमा होगा।
Source – Jagran 
   
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