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बैंक धोखाधड़ी के मामले में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के दो प्रबंधकों को 5 वर्ष की कठोर कारावास के साथ प्रत्येक पर 75,000/- रु. जुर्माने की सजा

June 28, 2023, 5:45 PM
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सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश, हैदराबाद  ने बैंक धोखाधड़ी के मामले में श्री पिल्लेंडला फणी प्रसाद, तत्कालीन शाखा प्रबंधक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, हैदराबाद एवं श्री चिंताकुंतला पांडुरंगम चलपति, तत्कालीन सहायक प्रबंधक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, हैदराबाद  को  पांच वर्ष  की कठोर कारावास के साथ प्रत्येक पर 75,000/- रु. जुर्माने की सजा सुनाई।

सीबीआई ने दिनाँक 30.11.2005 को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आसिफ नगर शाखा, हैदराबाद में कार्यरत श्री फणी प्रसाद, शाखा प्रबंधक एवं  श्री सी. पी. चलपति, सहायक प्रबंधक (अग्रिम) तथा  एक निजी कंपनी के मालिक श्री येर्रम कोटेश्वरा  राव के विरुद्ध  मामला दर्ज किया जिसमें आरोप है कि उक्त मालिक ने अलग-अलग मकानों के निर्माण हेतु  23 समूह आवास ऋणों को मंजूरी देने  में लोक सेवकों के साथ मिलकर षडयंत्र किया तथा  उधारकर्ताओं की उचित पहचान के बिना व  झूठे दस्तावेजों के आधार पर 1.15 करोड़ रु. का भुगतान कर दिया। स्वीकृत ऋण राशि को उक्त मालिक द्वारा निकाल लिया गया और धनराशि का एक हिस्सा उन उद्देश्यों के लिए पथांतरित(Divert) किया गया जिनके लिए ऋण स्वीकृत नहीं  किए गए थे। कुछ घरों का  निर्माण पूरा नहीं किया गया तथा  कुछ का निर्माण बिल्कुल भी नहीं किया गया। आगे यह आरोप है कि पूर्व में उक्त मालिक ने अन्य उधारकर्ताओं से राशि प्राप्त की थी, जिन्होंने उन्हीं संपत्तियों के लिए आंध्रा बैंक से ऋण लिया था। सभी खाते गैर निष्पादित संपत्ति (NPA) हो गये। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को 1.15 करोड़ रु. की हानि हुई।

आरोपियों के परिसरों में  दिनांक 14.12.2005 को तलाशी ली गई। जांच के दौरान, मालिक श्री वाई. कोटेश्वरा राव को गिरफ्तार किया  गया।

जाँच  के पश्चात,  दिनांक 18.05.2007 को उक्त तीनों आरोपियों  के विरूद्ध आरोप पत्र दायर किया गया। विचारण  के दौरान, श्री वाई. कोटेश्वरा  राव की मृत्यु हो गई।

विचारण अदालत  ने उक्त आरोपियों को कसूरवार पाया एवं उन्हें दोषी ठहराया।

     
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