सिविल सेवक, केंद्र के शासन और राज्यों की प्रशासनिक व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं – उपराष्ट्रपति

April 20, 2023, 7:12 PM
Share

उपराष्ट्रपति ने कहा है कि सिविल सेवक, केंद्र के शासन और राज्यों की प्रशासनिक व्यवस्था में एकरूपता के माध्यम से सहकारी संघवाद को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं

उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने लोक सेवाओं में समाज के सभी वर्गों के बढ़ते प्रतिनिधित्व की सराहना की

लोक प्रशासन ढांचे में महिलाओं की बढ़ती संख्या, अधिक संवेदनशील और पूर्ण विकसित प्रशासनिक सेवा का मार्ग प्रशस्त करेगी: उपराष्ट्रपति

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हमारे जैसा स्तर किसी के भी पास में नहीं है और लोगों की आवाज को दबाने का कोई ठोस प्रमाण नहीं है – उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति ने 16वें लोक सेवा दिवस समारोह का उद्घाटन किया।

उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने सिविल सेवकों से केंद्र के शासन और राज्यों की प्रशासनिक व्यवस्था में एकरूपता लाने का आह्वान किया है, ताकि परिकल्पित संघवाद, सहकारी संघवाद का रूप ले सके। लोक सेवाओं को शासन के मेरुदण्ड के रूप में संदर्भित करते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्र के संपूर्ण विकास को सुनिश्चित करने में सिविल सेवकों की भूमिका ‘परिवर्तन के सबसे प्रत्यक्ष एवं प्रभावी प्रतिनिधियों’ के रूप में होती है। उपराष्ट्रपति आज नई दिल्ली में विज्ञान भवन में आयोजित 16वें सिविल सेवा दिवस समारोह का उद्घाटन करने के बाद लोक सेवकों की एक सभा को संबोधित कर रहे थे।

उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने कहा है कि इस वर्ष के सिविल सेवा दिवस की विषयवस्तु ‘विकसित भारत: नागरिकों को सशक्त बनाना और अंतिम छोर तक पहुंचना’ है। उन्होंने कहा कि यह भारतीय संविधान की प्रस्तावना का वास्तविक प्रतिबिंब है, जो अपने सभी नागरिकों के लिए न्याय, स्वतंत्रता, समानता एवं बंधुत्व भाव को सुरक्षित करने का प्रयास करता है। आकांक्षी जिलों, स्मार्ट शहरों, जल जीवन मिशन, लेनदेन के डिजिटलीकरण और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना जैसे प्रमुख सरकारी कार्यक्रमों का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ये पहल ‘नागरिक सशक्तिकरण की प्रधानता के साथ आगे बढ़ते हुए एक विकसित भारत’ की दिशा में हमारी उन्नति का प्रतिनिधित्व करती हैं।

उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने सिविल सेवा क्षमता निर्माण के लिए सितंबर 2020 में शुरू किए गए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम मिशन कर्मयोगी की भी प्रशंसा की, जो नए भारत की दृष्टि के अनुरूप सही दृष्टिकोण, कौशल तथा ज्ञान के साथ भविष्य के लिए तैयार सिविल सेवा को और बेहतर आकार देने वाला परिवर्तनकारी बदलाव साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि अमृत काल में सिविल सेवक वर्ष 2047 के योद्धा हैं, जो अब नींव रख रहे हैं नये भारत की और उस भारत को आकार दे रहे हैं, जो भारत अपनी स्वाधीनता की स्वर्ण शताब्दी मनाएगा।

उपराष्ट्रपति ने समाज के सभी वर्गों, विशेष रूप से दूरदराज के गांवों से निकली युवा प्रतिभाओं, छोटी पारिवारिक पृष्ठभूमि के साथ-साथ हाशिए पर रहने वाले समुदायों से बड़ी संख्या में सिविल सेवाओं में शामिल होने के बढ़ते प्रतिनिधित्व के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्होंने लोक प्रशासन में महिलाओं की बढ़ती संख्या पर विशेष रूप से कहा कि लोक प्रशासनिक ढांचे में महिलाओं की बढ़ती संख्या अधिक संवेदनशील और पूर्ण विकसित नौकरशाही का मार्ग प्रशस्त करेगी।

श्री धनखड़ ने कहा कि भारत इतनी तेजी से आगे बढ़ रहा है, जितना पहले कभी नहीं देखा गया था। उन्होंने कहा कि निःसन्देह विकास की यह गति अजेय है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि सरकार की सकारात्मक और अभिनव पहल तथा लाभदायक नीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन के कारण ही भारत आज अवसरों एवं निवेश का पसंदीदा वैश्विक गंतव्य स्थल बन चुका है। उन्होंने कहा कि भारत सितंबर, 2022 में हमारे पूर्व औपनिवेशिक शासकों को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया था और सभी मान्यता प्राप्त संकेतों से यह भी पता चलता है कि भारत इस दशक के अंत तक तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

भारत को सबसे बड़ा लोकतंत्र और इसे लोकतंत्र की जननी बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश का लोकतंत्र सभी स्तरों पर चाहे गांव हो, नगर पालिका हो या फिर राज्यों और केंद्र की बात हो तो यह सबसे कार्यात्मक तथा जीवंत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हमारे जैसा स्तर किसी के भी पास में नहीं है और लोगों की आवाज को दबाने का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिलता है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारे अभूतपूर्व विकास और फलते-फूलते लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति अनदेखी करने का रुख अपनाने से कुछ लोगों को पीड़ा होना कष्टदायक होता है। श्री धनखड़ ने उन लोगों के प्रति निराशा व्यक्त की जो भारतीय लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थानों को नीचा दिखाने, निंदा करने, कलंकित करने तथा गलत साबित करने के दुस्साहस में शामिल हैं। उन्होंने कहा, यह हैरान करने वाला होता है कि जब आर्थिक विकास, नीति-निर्माण और कार्यान्वयन की बात आती है तो हममें से कुछ क्यों आनंदपूर्वक स्वघोषित लक्ष्यों का सहारा लेने लगते हैं? उपराष्ट्रपति ने इस अस्वास्थ्यकर आदत को समाप्त करने की आवश्यकता प्रकट की।

श्री धनखड़ ने लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए पीएम पुरस्कारों के विजेताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि ये पुरस्कार सिविल सेवकों की कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए एक उपयुक्त भेंट है। वे रचनात्मक प्रतिस्पर्धा, नवाचार, प्रतिकृति और सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों के संस्थानीकरण को प्रोत्साहित करते हैं। उन्होंने कहा कि पुरस्कार लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लक्ष्य के साथ प्रयास करने के उद्देश्य से सिविल सेवकों के लिए एक प्रेरक के तौर पर कार्य करते हैं।

उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने देश में सभी स्तरों पर सिविल सेवकों द्वारा कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने में उनके अथक प्रयासों के माध्यम से एक नया वैश्विक मानदंड स्थापित करने में निभाई गई प्रशंसनीय भूमिका का विशेष तौर पर उल्लेख किया। उन्होंने त्वरित सेवा वितरण और नागरिक-केंद्रित शासन के लिए सिविल सेवकों के नेतृत्व के साथ-साथ प्रौद्योगिकी के महत्व को भी उजागर किया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि एक नये मानदंड अर्थात संयुक्त विकास ने सभी स्तरों पर प्रशासनिक व्यवस्था में नई क्रांति ला दी है।

श्री धनखड़ ने सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत के बढ़ते महत्व को रेखांकित किया, जिसमें ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का स्तर किसी से कम नहीं’ आंका जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत की संसद लोगों की आवाज का प्रतीक है और यही कारण है कि आंतरिक एवं बाहरी दोनों तरह के खतरों से देश की संप्रभुता व सांस्कृतिक अखंडता की रक्षा करना संसद का कर्तव्य है।

उपराष्ट्रपति ने कार्यक्रम के दौरान ‘राष्ट्रीय सुशासन वेबिनार श्रृंखला’ पर एक ई-पुस्तक का अनावरण किया। उन्होंने ‘भारत में सुशासन पद्धतियां- पुरस्कृत पहल” विषय पर आयोजित एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री श्री जितेंद्र सिंह, कैबिनेट सचिव श्री राजीव गौबा, उपराष्ट्रपति के सचिव श्री सुनील कुमार गुप्ता, प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग के सचिव श्री वी. श्रीनिवास और भारत सरकार के अन्य विभागों में कार्यरत वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

उपराष्ट्रपति के संपूर्ण भाषण का मूल पाठ इस प्रकार है –

https://pib.gov.in/PressReleseDetail.aspx?PRID=1918242

 

EMPLOYEE WORLD

   
Railway Employee (App) Rail News Center ( App) Railway Question Bank ( App) Cover art  

Railway Mutual Transfer

(App)
Information Center  ( App)
 
Disclaimer: The Information /News /Video provided in this Platform has been collected from different sources. We Believe that “Knowledge Is Power” and our aim is to create general awareness among people and make them powerful through easily accessible Information. NOTE: We do not take any responsibility of authenticity of Information/News/Videos.
Share

This entry was posted in Employee - News, Employee Misc, Employee News - Govt. Employee, General, Miscellaneous

   
Railway Employee (App) Rail News Center ( App) Railway Question Bank ( App) Cover art  

Railway Mutual Transfer

(App)
Information Center  ( App)
 
Disclaimer: The Information /News /Video provided in this Platform has been collected from different sources. We Believe that “Knowledge Is Power” and our aim is to create general awareness among people and make them powerful through easily accessible Information. NOTE: We do not take any responsibility of authenticity of Information/News/Videos.